23 दिसंबर 2008

ऐ ख़ुदा रेत के सहरा को समंदर कर दे, या छलकते हुए आँखों को भी पत्थर कर दे...

आतंकी हमलों को देखते हुए गोवा के सीएम ने नए साल के जशन पर रोक क्या लगाई, बवाल मच गया। मेरे मित्र संदीप ने इसके ख़िलाफ़ ब्लॉग भी लिख डाली। तमाम तरह की बातें शुरू हो गयी। कहा जाने लगा कि हम डरपोक हैं, हमारी सुरक्षा तंत्र ठीक नहीं है, फलाना...फलाना। आवाज़ तो उठेगी ही, उठनी भी चाहिए और आवाज़ तेज़ होगी तो हंगामा भी होगा। खैर किसी भी मुआमले में आवाज़ उठाना हमारा अधिकार भी है, और हमें अपने अधिकार से कोई वंचित भी नहीं कर सकता। हो सकता है लोग इस फैसले को नहीं माने। वजह बताई जायेगी कि हम किसी से डरते नहीं। बहुत अच्छे।
पिछले दो सालों में नए साल के जशन के दौरान दिल्ली, मुंबई और गोवा में कुछ लड़कियों के इज्ज़त पर हमला हुआ था। कपडे फार डाले गए थे, अगवा करने की कोशिश भी की गई थी। ऐसा नहीं था कि वहां सुरक्षा बल तैनात नहीं थे। उनकी आखों के सामने ही इस तरह की नीच हरकत को अंजाम दिया गया।
खैर ये आतंकी हमला नहीं था, क्योंकि वहसी हमलावर देश के ही थे। कोरी कार्रवाई हुई। बात आई गई हो गई।
दुःख इस बात का नहीं है कि हमारी सरकार निकम्मी है, दुःख इस बात का है कि हमें जशन मनाने से रोका जा रहा है। आतंकवाद से डर लगता है क्योंकि हम मरने से डरते हैं। मरना सबसे ज्यादा ख़तरनाक होता है, पर उससे भी ज्यादा ख़तरनाक होता है अपनी आँखों के सामने अपनी बहन बेटी को नंगा होते देखना। इंसान सौ बार मरना पसंद करेगा पर ऐसी गिरी हरकत कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। नए साल का जशन मनाइए पर ये भी संकल्प लीजिये कि ऐसी कोई भी घटिया हरकत किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेगे। देश को ख़तरा ख़ाली आतंकियों से ही नहीं ऐसे असमाजिक लोगों से भी है जो मानवता को शर्मसार करती है, देश की शान को आंच देते है।
ऐसे लोग उस आतंकिओं से ज्यादा ख़तरनाक है जो अपने ही देश में रह कर अपनी ही मिटटी को ज़लील करते हैं। मै आप सभी भाई बंधू से अपील करता हु कि ऐसे सभी ज़ाहिलों को पहचानिये और शख्त से शख्त सज़ा दिलवाइए, ताकि इस पाक़ मौकों पर खुलकर, निफिक्र होकर जशन मनाया जा सके.

3 टिप्‍पणियां:

कुमार संभव ने कहा…

हम आप् के साथ हैं, नए साल में वाकई कोई बेशर्मी वाली हरकत नहीं होनी चाहिए नहीं तो समाज के ठेकेदार वैलेंटाइन की तरह इसे भी बंद कर देंगे.

बेनामी ने कहा…

आपने बिल्कुल ठीक कहा है.....मौज मस्ती की आड़ में किसी की इज्जत से खिलवाड़ को किसी कीमत पर बर्दाश्त नही किया जा सकता....हमें ये नहीं भूलना चाहिए की इस साल एक येसी घटना घटी है....जिसका डर अभी ख़त्म नहीं हुआ है.....खैर नया साल सब के लिए खुशी वाली ख़बर लेकर आएगा......

डॉ.भूपेन्द्र कुमार सिंह ने कहा…

dear friend,
I agree with your view, its true.keep this spirit up.
with regards
dr.bhoopendra