Ebook Free Von Punkt zu Punkt - 1 bis 60. Malbuch ab 5 Jahre, by Vicky Bo
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Vicky Bo a...
15 नवंबर 2008
क्रिकेटिया बुखार
सहवाग अन्दर युवराज बाहर, पोंटिंग बेइज्जत धोनी की शोहरत.....आदि - आदि। जहाँ देखो क्रिकेट की बुखार से लोग तप रहे हैं। ऐसी बीमारी जिसे हर कोई अपनाना चाहता है। टीम जीती तो दारू और हारी तो टीवी की कबारू। खैर हम भी कभी- कभी इस बीमारी के शिकार हो जाया करते हैं। आख़िर हम सब एक सामाजिक प्राणी जो हैं। मुझे लगता है ये एक तरह का वाइरल इन्फेक्शन है जो तुंरत फैलता है। अगर आपको ट्रेन में बैठने की जगह नही मिल रही हो तो शुरू कर दें क्रिकेटिया वाइरल फैलाना, देखिये फ़ौरन आपको सीट मिल जायेगी। कहीं बैठे बोर हो रहे हो तो शुरू हो जाइये... बस सारे लोग आपकी बीमारी में शरीक हो जायेंगे। सिद्धू भी नेतागिरी का उदाहरण क्रिकेटिया किताब पढ़ कर देते हैं। अखबार और टेलीविजन की दूकान इसी बीमारी को फैला कर चल रही है। मिला - जुला कर देखे तो कई लोगों की रोजी-रोटी इसी बीमारी पर टिकी है। क्राइम रिपोर्टर और पोलिटिकल रिपोर्टर तो सुना था पर अब क्रिकेटिया रिपोर्टर भी पैदा ले चुका है। युवाओं का करियर बन चुका है ये बीमारी। अब आप ही सोचिये बीमारी भी किसी का करियर हो सकता है। डॉक्टर भी इस बीमारी से अछूते नही रहे। टीम की हार से संसद भी संकट में घिरा नज़र आता है। संसद में सोने वाले सांसद भी इस बहस में भाग लेकर अपनी उपयोगिता को साबित करते हैं। पत्रकार भाई तो इसे एक नया धर्म बना कर एक और टेंशन देना चाहते है। जितने ज्यादा धर्म उतने ज्यादा टेंशन। वैसे आइडिया बुरा नही है। लोग पूछेंगे आपका धर्म क्या है ? जवाब होगा --बीमारी और आपके भगवान् ? तो उत्तर होगा --बीमार सचिन। तो ऐसी है हमारे देश की जनता की तबियत। वैसे ये आलेख भी बीमारी ग्रस्त ही लगता है, और ध्यान रहे कहीं इसे पढ़ कर आप भी बीमार न पड़ जाए।
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5 टिप्पणियां:
Rajiv Ji
I visited ur blog first time but it was wonderful to see ur all post .Special comment on cricket is absolutely funny andd entertaining....but ham to aise hain bhaiya is touchy and very good.I ll come on ur blog regularly
mast majakiya lekhni hai, padh ke khoob maja aaya..cricket par achcha likhte hain aap...likhte rahiye
bahoot achaa likha gaya hai....
is lekhni se khell ke prati aapki ruchi aur gyan ko darsata hai...
is trah ke rekh likhte rahie.....
क्रिकेटम शरणम् गच्छामि ।
सही कह रहे हैं गुरु ...हम सभी को क्रिकेटिया बुखार ने मलेरिया की तरह जकड लिया है।
बढ़िया लिखा है।
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